जानूँ ! सारी !! मुझे देर हो गई !’ प्रीति पर्व की लो ढेरों बधाई !! जानूँ ! सारी !! मुझे देर हो गई !’ प्रीति पर्व की लो ढेरों बधाई !!
हर एक हार की दिलासा में तो एक चुम्बन तुम्हारा हो। हर एक हार की दिलासा में तो एक चुम्बन तुम्हारा हो।
एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया। एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया।
बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है
जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, जब जब त जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, ...
आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था। आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था।